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चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--

चुटकलो कि दुकान बस आपके लिऐ--


चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--
चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--
धोखा ऐसे भी हो सकता है:-
लिपिका जी डाक्टर साहब के क्लिनिक पर भागी भागी गईं थी,थोड़ी घबराई हुई थोड़ी
सहमी हुई व उनके चेहरे पर कुछ बुरा होने के आसार दिखाई दे रहे थे।
डाक्टर साहब की उनपर नज़र पड़ी तो डाक्टर को लगा कि,  इस औरत को इंतज़ार में
लगे बाक़ी पेशंट से पहले इलाज होना चाहिये, अपने नियम को भूलकर डाक्टर साहब
ने उन्हें पहले बुलवा लिया।
"जी, क्या प्राब्लम है आपकी?" डाक्टर साहब ने निहायत संजीदगी से पूछा जो
संजीदगी वह अपने खास पेशंट को ही दिखाते थे।
"डाक्टर साहब, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. प्राब्लम मेरे हसबैंड में हैं मुझे लगता है कि
वो मानसिक रोगी होते जा रहे हैं।" लिपिका जी ने इत्मीनान से जवाब दिया।
"अच्छा, क्या करते हैं? आप पर हाथ उठाते हैं या आपके साथ मिसबिहेव करते हैं?"
डाक्टर साहब ने पूछा।
"नहीं नहीं, हाथ तो अभी तक नहीं उठाया है और न ही कभी ऐसी हिम्मत हुई पर
धमकियां देते हैं और साथ ये भी कहते हैं कि "मेरा हिसाब कर दो".. "मेरा हिसाब कर
दो।" ..ये कहते ही लिपिका जी ख़ामोश हो गईं।
"आप परेशान न हों, कहां हैं आपके हसबैंड साथ नहीं लाए आप उनको?"
डाक्टर
साहब ने कहा।
"डाक्टर साहब, मैं उनको साथ नहीं ला सकती वो भी यहां आपके क्लिनिक पर।"
लिपिका जी ने मायूसी से कहा।
"जी जी, मैं समझ सकता हूँ।" डाक्टर साहब ने जवाब दिया..इतनी गुफ्तगू के बाद
डाक्टर साहब और लिपिका जी के दरमियान एक गहरा अंजाना सा रिश्ता बन चुका
था, इसलिए नहीं कि वह खूबसूरत थीं बल्कि ये डाक्टर साहब हर खूबसूरत औरत के
साथ गहरा रिश्ता बना लेते थे।
"डाक्टर साहब, अगर आप अपनी गाड़ी और ड्राइवर मेरे साथ भिजवा दें तो मैं अपने
हसबैंड के आसानी से यहां ले आऊंगी।" लिपिका जी ने डाक्टर साहब से कहा।
डाक्टर जो पहले से ही ऐसा करना चाह रहे थे उन्होंने अपने ड्राइवर को आदेश दिया
कि मैडम के साथ जाओ.. अब लिपिका जी क्लिनिक से निकलकर गाड़ी में बैठ गईं
और ड्राइवर से कहा कि फलां ज्वैलरी शॉप ले चलो।
कुछ ही देर में गाड़ी उसी ज्वैलरी शॉप पर पहुंच गई.. लिपिका जी काफी नाज़ व
अंदाज़ से उतरी और ज्वैलरी शॉप में चली गईं.. एक बहुत ही महंगा सा सेट पसंद
किया पैक करवाया और जब पेमेंट की बारी आई तो बोलीं
"मैं फलां डाक्टर की वाइफ हूँ अभी मुझे ये सेट लेना बहुत जरूरी था इसलिये जल्दी में
__ आ गई अब मेरे पास पूरे पैसे भी नहीं हैं और न ही कार्ड है.. आप मेरे साथ अपने शॉप
के किसी आदमी को भेज दीजिये ड्राइवर उन्हें वहां तक ले जाएगा और डाक्टर साहब
पेमेंट दे देंगे।"
__
ज्वैलरी शॉप के मालिक अजीत जी ने सोचा कि बड़ा अमाउंट है मुझे ही जाना चाहिए
इस बहाने घूम भी लूंगा
यह सोचकर महंगा सैट मैडम के हवाले कर दिया और जा कर गाड़ी में बैठ गये..पर
लिपिका जी गाड़ी में नहीं बैठीं और ड्राइवर से कहा कि इनको डाक्टर साहब के पास
ले जाओ.. ड्राइवर अजीत जी को लेकर क्लिनिक पहुंचा और डाक्टर साहब से बोला
कि "मैडम नहीं आईं मगर उन्होंने इन साहब को भेजा है।"
डाक्टर साहब ने धीरज रखते हुए अजित जी को देखा और इंतज़ार करने को.. जब
उनकी बारी आई तो डाक्टर साहब बड़े नरम लहजे में बोले: "हां तो सुनाइये जनाब,
क्या हाल हैं आपके?
अजीत जी ने जवाब दिया: "जी डाक्टर साहब, मैं ठीक हूँ।"
डाक्टर साहबः "तो क्या परेशानी और तकलीफ है आपको मुझे बताइये?"
अजीत जी: "डाक्टर साहब "मेरा हिसाब कर दीजिये।"

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चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--
चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--

सोशल मीडिया का कमाल-
रामलाल की डेथ हो गयी।
बेटे ने सभी को whatsapp पर मैसेज डाल दिया कि-
" पिता जी आज GST के लिये गये थे । उनका देहांत हो गया है।"
एकाएक भीड़ जुटने लगी। एक नेता ने अपने दल के राज्य प्रमुख को msg fwd कर
दिया।उसके आदेश पर हजार कार्यकर्ताओ ने घर घेर लिया।
भाषण नारे शुरू -
नेता ने माइक पर हुन्कार भरी "पहले नोट बंदी ने जाने ली और अब सरकार की GST
ने जानें लेना शुरू कर दिया है। हमारे रामलाल भाई की शहादत बेकार नही जायेगी।
सरकार से मुआवजा लेकर रहेगे।
पत्रकार, पुलिस और DM तक को घर वालो से मिलने नही दिया गया। रामपाल का
अंत मे भारी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अगले दिन दिल्ली से बड़े नेता ने कहा कि GST पर पहली मौत पर हंगामा कर डालो।
उन की ओर से मुख्यमंत्री जी ने फोटो
पर फूल माला चढाई और राज्य सरकार की तरफ से पचास लाख का चेक दिया गया
तथा बेटे मंगल को नौकरी की घोषणा कर दी गयी।
दस दिन तक हंगामे , बंद , जलूस ही चलते रहे। मंगल को नियुक्ति लेटर मिल गया कि
फौरन DM के आफिस मे लिपिक पद पर ज्वाइन करें। उसने ज्वाइन कर लिया।
दो दिन बाद DM दौरे से लौटे तो संवेदना प्रकट करने को मंगल को अपने कक्ष मे
बुलाया। बातों बातों मे पूछा कि स्वर्गीय रामपाल GST के लिये कहा जा रहे थे???
मंगल का जवाब सुन कर DM साहब सर पकड़ बैठ गये। आप भी सुनिये-
मंगल- " सर वह खेत को जा रहे थे। दर असल whatsapp पर मैने मैसेज को शार्ट
__ कट मे GST लिख दिया था यानि
*G-घर S-से T- टट्टी करने*
निकले थे। पिता जी फिसल गये और गिरते ही मर गये।
DM ने CM को बताया और कहा कि मुआवजा और नौकरी वापस ली जाये।
बेचारे DM को उल्टे डाट पड़ी कि मुँह बंद रखो। अखवार पढते हो कि नही। हाई
कमान राजधानी मे धरने पर है। सभी विपक्षी दल शाम को महामहिम से GST से शुरू
हई मौतो को रोकने के लिये GST वापसी की मांग लेकर मिलने वाले है। GST का यह
नया फुल फार्म अपने पास रखो। मंगल को धमका दो कि अब किसी से कहा तो पूरा
परिवार जेल जायेगा।

चुटकलो कि दुकान  बस आपके लिऐ--

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